koi bhi ladki psand nhi aati!!!
- 805 Posts
- 46 Comments
हबीब वली जब गाया करते थे तो गजल उनकी जुबान की मिठास तीर-ए-नीमकश होकर सुनने वालों के दिलों में बची रह जाती थी. ‘आज जाने की जिद न करो’ को फैयाज हाशमी ने लिखा, लेकिन हबीब वली ही थे, जिन्होंने गाकर इसके मायनों को मालामाल कर दिया. बीते 3 सितंबर को हबीब वली मोहम्मद दुनिया से रुखसत हो गए. हबीब वली मोहम्मद की पैदाइश 1924 में रंगून में बसे एक मेमन खानदान में हुई थी. बाद में उनका परिवार मुंबई चला आया. छुटपन में हबीब को कव्वाली बहुत पसंद थी. उन्होंने क्लासिकल म्यूजिक की शुरुआती तालीम उस्ताद लताफत हुसैन से ली. मुंबई के इस्माल यूसुफ कॉलेज से ग्रेजुएशन के दौरान उनके सुर इतने सधे हुए थे कि लोग उन्हें तानसेन बुलाने लगे.!-सुभाष बुड़ावन वाला18,शांतीनाथ कार्नर,खाचरौद[म्प]*
Read Comments