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हास्य!और ‘बना दिया’…. मुझे! सुभाष बुड़ावन वाला.!

koi bhi ladki psand nhi aati!!!
koi bhi ladki psand nhi aati!!!
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कसम से आजकल गर्मी का यह हाल है कि अगर कोई प्रोफाइल फोटो पर भी लुकिंग ‘हॉट’ लिख देता है तो सहन नहीं होता।
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अब हम क्या पढ़ें….? 
गर्मी पड़ तो रही है।

*** 
तीन ही उसूल हैं, मेरी जिंदगी के-
आवेदन, निवेदन और फिर भी ना माने तो दे दना दन!-– बच्चे कहां हैं? तीन व्यक्ति आपस में बातें कर रहे थे। पहला : बच्चों की जरूरत है। कहां से लाएं? दूसरा : गांव में ढूंढते हैं। तीसरा : कैसे भी करके बच्चे लाने पड़ेंगे वरना मुश्किल हो जाएगी। कुछ गांव वालों ने उनकी बातें सुन ली और उन्हें बहुत मारा, यह सोचकर कि ये बच्चे उठाने वाले हैं। लेकिन मार पड़ना बंद हुई तो गांव वालों को पता चला कि तीनों मास्टर हैं और प्रवेश-उत्सव के लिए बच्चे ढूंढ रहे थे! फन’मोल वचन  एटीट्यूड तो बचपन से ही है। जब मैं पैदा हुआ था तो दो साल तक किसी से बात नहीं की थी।  मोहम्मद परवेज, इंदौर  ***  क्या आप जानते हैं कि “तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में गोकुलधाम सोसायटी की सभी औरतें हमेशा खुश क्यों रहती हैं? क्योंकि वहां एक भी सास नहीं है! दीपा सिंह  ***  हम तो निकले थे तलाश-ए-इश्क में अपनी तनहाईयों से लड़कर। मगर गर्मी बहुत थी, गन्ने का रस पीकर वापस आ गए। दीपक जैन  ***  दुकानदार : समोसा सादा 7 रुपए, बना के 12 रुपए।  मैं : ठीक है, बना के दे दो।  फिर दुकानदार ने 7 के समोसे में चवन्नी की चटनी और आठ आने का दही डाला और ‘बना दिया’…. मुझे! सुभाष बुड़ावन वाला.,1,वेदव्यास,रतलाम[मप्र]

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