1. नींद में कोई व्यवधान नहीं आता (सुन रहे हो क्या, लाइट बंद करो, पंखा बंद करो, चद्दर इधर दो, इधर मुंह करो, टाइप कुछ भी बातें नहीं होतीं)।
2. पैसे की बचत- जब पत्नी से झगड़ा हुए रहता है, तब पत्नी पैसे नहीं मांगती।
3. तनाव से मुक्ति- झगड़े के दैरान बातचीत बंद होती है जिससे किच-किच कम होती है और आदमी तनाव से मुक्त रहता है।
4. आत्मनिर्भरता आती है, जो अपना काम आप कर सकते हैं वो इसलिए नहीं करते कि आपकी पत्नी कर देती है, जो झगड़े के बाद वो छोटे-मोटे काम (खुद लेकर पानी पीना, नहाने के बाद अपने कपड़े खुद निकालना, अपने लिए खुद चाय बनाना) खुद कर के आदमी आत्मनिर्भर हो जाता है।
5. काम में व्यवधान नहीं होता- झगड़े के दौरान काम के समय आपको पत्नी के फालतू कॉल (जानूं क्या कर रहे हो, मन नहीं लग रहा है, आज बहुत गर्मी है, इस प्रकार के) नहीं आते जिससे आप अपने काम में ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
6. घर जल्दी जाने की चिंता से मुक्ति- अधिकांश पतियों को काम के बाद जल्दी घर आने के लिए घर से बारंबार फोन आते हैं, मगर एक बार झगड़ा हो जाने के बाद आप कुछ दिन तक इस चिंता से दूर रह सकते हैं।
7. आपका मूल्य बढ़ता है- ये इंसान का मनोविज्ञान है कि जो चीज नहीं होती उसके मूल्य का अहसास तभी होता है। झगड़े के दौरान पत्नी को आपके मूल्य का अहसास होता है।
8. प्यार बढ़ता है- आपस में झगड़े से प्यार बढ़ता है, क्योंकि अक्सर देखा गया है कि एक बार बारिश हो जाए तो मौसम सुहाना हो जाता है…!सभाष बुड़ावन वाला.,,
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