Menu
blogid : 2824 postid : 1112027

हास्य!कहीं मैं ‘दाल-ए-अरहर’ ना हो जाऊं.!सभाष बुड़ावन वाला

koi bhi ladki psand nhi aati!!!
koi bhi ladki psand nhi aati!!!
  • 805 Posts
  • 46 Comments

आज मेरी एक्स गर्लफ्रेंड का एक्सीडेंट हो गया। मैंने फोन किया और पूछा, ‘क्या हुआ?’  एक्स गर्लफ्रेंड (गुस्से में) : सुबह से 100 बार फोन कर चुके हो। बताया तो था कि मेरी टांग टूट गई।  मैं : गुस्सा मत हो पगली, ये सुनकर मेरे दिल को बहुत सुकुन मिलता है।
सभाष बुड़ावन वाला.vv जितनी उत्सुकता लोग इंडिया में अवॉर्ड लौटाने में दिखा रहे हैं, उसकी आधी भी दूसरों से लिए गए उधार को लौटने में दिखा दें तो हम सुपरपावर बन जाएं।  टच स्क्रीन फोन भी अजीब है। हैंग हो जाए तो लॉक स्क्रीन भी नहीं खुलती और लॉक स्क्रीन खुल जाए तो बंदा सारा दिन उसी से हैंग हो जाता है।  समय आ गया है कि साहित्य अकादमी पुरस्कार मरणोपरांत ही दिया जाए, लौटाने वाला टंटा ही खत्म। ‘बस भैया दाल रोटी चल रही है’ यह कहना पहले गरीबी की निशानी मानी जाती थी, आजकल अमीरी की निशानी मानी जाती है।  ‘अरे वाह दोस्त, तूने 95,000 रुपए का नया फोन खरीदा है। जरा दिखा तो…’  ‘रुक यार, पहले बढ़ती महंगाई के खिलाफ एक पोस्ट लिख लेने दे।’  उसने इसीलिए मुझे कभी भाव नहीं दिया होगा यारों,  डरती होगी कि कहीं मैं ‘दाल-ए-अरहर’ ना हो जाऊं… सभाष बुड़ावन वाला.,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh